खाटू श्याम की कथा : महाभारत से लेकर कलियुग में पूजे जाने वाले भगवान से जुड़ी अनोखी जानकारी, दर्शन का समय 

Khatu Shyam Temple: हारे का सहारा बाबा खाटू श्याम हमारा, कलियुग में भगवान श्री कृष्ण के अवतार के रूप में पूजे जाने वाले बाबा खाटू श्याम के विषय के आज आपको कई रोचक जानकारी इस लेख में जानने को मिलने वाली है, अंत तक पढ़ें और जानें इस विशेष मंदिर और बाबा से जुड़ी कथा के बारे में साथ ही पूजा का समय और भी कई जानकारी विस्तार से जानिए ।

खाटू श्याम मंदिर का इतिहास 

राजस्थान के सीकर जिले में शहर से 43 किलोमीटर की दूर पर यह भव्य हिंदू मंदिर स्थित है, इस मंदिर का इतिहास महाभारत काल के साथ जुड़ा हुआ है, पांडुपुत्र भीम के पौत्र के रूप में जाने जाने वाले बर्बरीक को ही खाटू श्याम बाबा के नाम से पूजा जाता है ।

खाटू श्याम की कथा

पौराणिक कथाओं ने अनुसार महाभारत में वनवास के दौरान जब पांडव वन में थे तभी भीम और हिडिंबा का सामना हुआ जिससे एक पुत्र हुआ जिसे हम घटोत्कक्ष के नाम से जानते हैं तथा बाद में घटोतकक्ष के पुत्र हुए बर्बरीक जिन्हे वरदान प्राप्त था की वह कभी युद्ध नहीं हारेंगे वे जिस और से लड़ेंगे वह पक्ष हमेशा जीतेगा ही। 

खाटू श्याम को हारे का सहारा क्यों कहते हैं

जब महाभारत का युद्ध प्रारंभ हुआ तो बर्बरीक ने तय किया की वह पूरा युद्ध देखेंगे, भगवान श्री कृष्ण को इस बारे में पता चला तो वह बर्बरीक से पूछने गए की वह किस ओर युद्ध लड़ेंगे तब बर्बरीक ने बताया की जो पक्ष हारने लगेगा वह उसकी ओर से उतरेंगे । इसी लिए खाटू श्याम को हारे का सहारा कहते हैं

तभी श्री कृष्ण समझ गए की इस अनुसार कहीं पांडव ही न हार जाए ऐसे में भगवान श्री कृष्ण ने बर्बरीक से उनका शीश मांग लिया और बर्बरीक ने तुरंत अपना शीश काटकर भगवान को अर्पित कर दिया परंतु युद्ध देखने की अपनी इच्छा जाहिर की तो भगवान ने उनका कटा हुआ सिर एक पहाड़ी पर रखा और इसी त्याग से भगवान ने प्रसन्न होकर उन्हें वरदान दिया की कलियुग में वह खाटू श्याम के नाम से पूजे जाएंगे और उनकी भक्ति करने वाले के हर दुख खाटू श्याम के चमत्कार से दूर होंगे ।

खाटू श्याम दर्शन टाइम 

इस भव्य मंदिर में दर्शन करने के लिए आपको समय से पहुंचना बहुत जरूरी है यहां काफी संख्या में भक्त आते है और लगभग पूरे वर्ष भर यहां भीड़ होती है मंदिर गर्मियों में प्रातः 4:30 बजे मंगला आरती के साथ शुरुआत होती है जिसके बाद श्रृंगार आरती प्रातः 7:00 बजे और भोग आरती 12:30 बजे के साथ संध्या आरती सायं 7:30 बजे और शयन आरती 9:40 बजे के बाद रात्रि 10 बजे मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं । हालांकि ध्यान देने वाली बात है की विशेष पर्व पर समय में बदलाव किया जा सकता है ।

FAQ’s

खाटू श्याम मंदिर राजस्थान नियर रेलवे स्टेशन 

खाटू श्याम के नजदीकी रेलवे स्टेशन का नाम रिंगस Ringas RGS है जो मंदिर क्षेत्र से मात्र 20 किलोमीटर की दूरी पर है ।

दिल्ली से खाटू श्याम कितने किलोमीटर है 

ट्रेन मार्ग से जाने पर दिल्ली से खाटू श्याम की दूरी लगभग 226KM है।

मेंहदीपुर बालाजी से खाटू श्याम कितने किलोमीटर है 

204KM

खाटू श्याम से सालासर बालाजी की दूरी कितनी है 

104KM

खाटू श्याम कौन से जिले में हैं ।

खाटू श्याम राजस्थान के रिंगस जिले में स्थित है ।

Leave a comment